छोटे मन में लेकर हज़ार सपने
बीता दी ज़िंदगी करने पूरा उन्हें सबने
क्या खोया क्या पाया
एक पहेली बन रह गया
ज़िंदगी की इस आपा धापी में
हर तरफ़ के इस दौड़ में
जाने कहाँ पीछे रह गया
पलट के देखा तो बस कुछ बचा हुआ रह गया
आज सब है हमारे पास
फिर भी ख़ुद को पाने की लगी रहती आस
जीवन के सफ़र में
ख़्वाबों को पूरा करने के असर में
आज ख़ुद को ही मानो भुला डाला
ख़ुद को ही बनावटी सा बना डाला
हम तो थे नहि ऐसे
पता नहीं बदल गए इतना कैसे
छोटी छोटी चीज़ों से मिलती थी ख़ुशियाँ
आज धुँड़ता मन शांति का आशियाँ
इशू पहले की मंज़िल की तलाश में
उन्हें पूरा करने की प्रायश में
भूल जाय सब कुछ अपना
नहीं देखना हमें और कोई सपना
लौट आना है हमें अब
अपने आप से मिलना है अब